ब्रह्म मुहूर्त में मस्तिष्क की तीव्रता और आध्यात्मिक ऊर्जा
ब्रह्म मुहूर्त वह पवित्र और शक्ति-पूर्ण समय होता है, जो सूर्योदय से लगभग डेढ़ से दो घंटे पहले शुरू होता है। इस समय मस्तिष्क की गति (brain function), एकाग्रता (mental clarity), और स्मरण क्षमता (memory power) अपने उच्चतम स्तर पर होती है। क्योंकि इस दौरान वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक रहती है जो मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करती है और सोच को तेज करती है। इसलिए early morning routine के लिए यह समय अत्यंत उपयुक्त माना जाता है।
शास्त्र कहते हैं कि ब्रह्म मुहूर्त समय ध्यान, योग और साधना के लिए सबसे उपयुक्त होता है, क्योंकि मन शांत होता है और मानसिक चंचलता कम होती है। यही कारण है कि ब्रह्म मुहूर्त में जागना आपकी मानसिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है.
राम नाम, राधा नाम जप और जिह्वा की भूमिका
नाम जप जैसे ‘‘राम नाम’’ या ‘‘राधा राधा’’ का उच्चारण करने से जिह्वा (tongue) की एक विशिष्ट तांत्रिक गति सक्रिय होती है। अधोजिह्व तंत्रिका (Hypoglossal nerve) जो जिह्वा की गति नियंत्रित करती है, इसके माध्यम से नर्वस सिस्टम पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह जिह्वा की गति विशेष रूप से पैरासिम्पेथेटिक एक्टिविटी को बढ़ावा देती है, जिससे शरीर और मन को शांति मिलती है।
जिह्वा का यह विशिष्ट गति रूप न केवल मस्तिष्क को सक्रिय करता है, बल्कि शरीर के कुछ प्रमुख बिंदुओं को उत्तेजित कर स्वस्थ्य में सुधार लाता है.
नाम जप के शारीरिक एवं मानसिक लाभ
मानसिक शांति और एकाग्रता: निरंतर नाम जप से मन का फोकस बढ़ता है और मानसिक तनाव कम होता है। यह अभ्यास मानसिक विकारों जैसे अहंकार, क्रोध, लोभ, मोह को कम कर सकारात्मक सोच को बढ़ाता है।
शारीरिक स्वास्थ्य: नाम जप के दौरान शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है और श्वसन तंत्र सुधरता है।
आध्यात्मिक उन्नति: नाम जप आत्मिक शुद्धि करता है और व्यक्ति को ईश्वर के करीब ले जाता है। यह आत्मा के मैल को धोता है और जीवन में संतुलन तथा समरसता लाता है।
तनाव और चिंता में कमी: नाम के उच्चारण से मस्तिष्क में ऐसे न्यूरल पैटर्न सक्रिय होते हैं जो तनाव कम करते हैं और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करते हैं।
शुभ प्रभाव और सकारात्मकता: राम नाम का जप जीवन में सकारात्मकता, उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ाता है, साथ ही अनेक ज्योतिषीय दोष भी कम करता है।.
ब्रह्म मुहूर्त में जागने का विज्ञान और आयुर्वेदिक महत्व
आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में हमारे शरीर का वात-पित्त-कफ (त्रिदोष) संतुलित रहता है। इस समय अभ्यास करने से नींद बेहतर आती है, पाचन तंत्र सक्रिय होता है और हॉर्मोन्स का संतुलन बना रहता है। प्राचीन ग्रंथों में भी ब्रह्म मुहूर्त को स्वास्थ्य, सूक्ष्म ऊर्जा और ज्ञान प्राप्ति का उत्तम समय माना गया है।
साथ ही सुबह के समय उच्च ऑक्सीजन स्तर हमारे श्वसन तंत्र को सक्रिय करते हैं, जिससे शरीर और दिमाग दोनों तरोताजा रहते हैं। यह समय मानसिक स्पष्टता और गहन ध्यान (deep meditation) के लिए भी सबसे अनुकूल होता है.
निष्कर्ष
ब्रह्म मुहूर्त में जागकर राम नाम या राधा नाम का जप करना मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से अत्यंत लाभकारी है। यह न केवल मस्तिष्क की तीव्रता को बढ़ाता है, बल्कि शरीर को स्वस्थ और संतुलित बनाता है। जिह्वा की विशिष्ट गति से नर्वस सिस्टम सक्रिय होता है, जो जीवन में शांति, ऊर्जा और सकारात्मकता लाता है। इसलिए, ब्रह्म मुहूर्त का सदुपयोग करते हुए नाम जप की साधना हर व्यक्ति के लिए अत्यंत फलदायी सिद्ध होती है।